जीएसटी एक जुलाई से पूरे देश में लागू होने जा रहा है। इस टैक्स प्रणाली के लागू होने के बाद देश की जनता को अलग-अलग टैक्स भरने से मुक्ति मिल जायेगी। और पूरे देश में एक समान टैक्स सिस्टम लागू हो जायेगा। लेकिन जीएसटी को लेकर अभी तक लोगो में भम्र बाकि है। इस प्रणाली के बारे में लगातार सरकार द्वारा जारी जागरुकता अभियान और मीडिया में आ रही खबरो के बाद भी लोगो में इसे लेकर भम्र का माहौल है। लोगो के इसी परेशानी को दूर करने के लिए सरकार जीएसटी हैल्पलाइन नंबर (GST helpline number ) लेकर आ रही है। 25 जून से जीएसटी का हैल्पलाइन नंबर शूरु हो जायेगा। लोग 0120-4888999 पर काॅल कर जीएसटी संबधी अपनी समस्याओं का समाधान पा सकेगें। इसके अलावा टैक्स अधिकारीयों के सवालो का जवाब देने के लिए भी सरकार ने 0124-4479900 नंबर लांच किया है।
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इन दोनो नंबरो (GST helpline number ) पर सरकार द्वारा नियुक्त प्रशिक्षित लोग होगे। जो लोगो के जीएसटी संबधी सवालो के जवाब देगे। अभी इसे औसत पैमाने पर शुरु किया जा रहा है लेकिन सरकार जल्द ही आवश्यक्ता अनुसार इसे बडा बना सकती है। जीएसटी से जुडी एक अन्य खबर के अनुसार अब रेल में यात्रा करना थोडा मंहगा पड सकता है। जीएसटी के लागू होने के बाद रेल की कुछ श्रेणीयों में यात्रा करने वालो को ज्यादा भुगतान करना होगा। जीएसटी के लागू होने के बाद प्रथम श्रेणी और एसी कोच में यात्रा करना मंहगा पड सकता है। जीएसटी में रेलवे टिकट पर सेवा शुल्क को 4.5 प्रतिशत से बढाकर 5 प्रतिशत किया जा रहा है। सेवा कर रेलवे की एसी कोच और प्रथम श्रेणी की टिकट पर लगाता था। इसलिए अब इन कोचो से यात्रा करने पर यात्री को 0.5 प्रतिशत अधिक कर चुकाना होगा।
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क्या है जीएसटी
जीएसटी (GST helpline number ) का पूरा नाम गूड्स एंड सर्विस टैक्स ;वस्तु एंव सेवा करद्ध है। इसे भारत सरकार 1 जुलाई से पूरे देश में लागू करने वाली है। जीएसटी का मुख्य लक्ष्य पूरे देश में एक सामान कर व्यवस्था लागू करना है। यह कर वर्तमान में लागू सभी अप्रत्यक्ष करो जैसे की केंद्रीय उत्पाद शुल्कए सेवा करए वैटए मनोरंजन करए विलासिता कर आदि को समाप्त कर एक ही कर व्यवस्था लागू करेगा। इसके लागू होने के बाद देश के नागरिको को अलग अलग कर भरने से मुक्ति मिलेगी। और वह केवल इस एक टैक्स का भुगतान कर देश का सहयोग कर सकेगे। इस कर प्रणाली में सभी वस्तुओ और सेवाओं को अलग.अलग टैक्स स्लैब में रखा गया है। सबसे कम टैक्स 5 प्रतिशत है और सबसे ज्यादा टैक्स 28 प्रतिशत है।